दिल हुआ है तेरा लापता तो नहीं
हम ग़िला क्यूं करें ये ख़ता तो नहीं
मंज़िलों की तरहा ग़ुम हो जाता है तू
ऐ ख़ुदा तू कहीं रासता तो नहीं
वक्त की शाख पर है घरोंदा मगर
वक्त से कुछ मेरा राबता तो नहीं
हमसफर मैं तुझे मानता हूं मगर
ज़िंदगी तू मेरी मुहब्बता तो नहीं
दिल सम्हल के जरा काम ले इश्क में
ये हसीं दर्द तेरी अता तो नहीं
हिज्र की रात है इक बहाना सनम
तुझको दीदार का वासता तो नहीं
- कुमार जावडेकर
हम ग़िला क्यूं करें ये ख़ता तो नहीं
मंज़िलों की तरहा ग़ुम हो जाता है तू
ऐ ख़ुदा तू कहीं रासता तो नहीं
वक्त की शाख पर है घरोंदा मगर
वक्त से कुछ मेरा राबता तो नहीं
हमसफर मैं तुझे मानता हूं मगर
ज़िंदगी तू मेरी मुहब्बता तो नहीं
दिल सम्हल के जरा काम ले इश्क में
ये हसीं दर्द तेरी अता तो नहीं
हिज्र की रात है इक बहाना सनम
तुझको दीदार का वासता तो नहीं
- कुमार जावडेकर
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