एक पल बस नज़र से नज़र मिल गयी
जाने कैसे जहां को खबर मिल गयी
ले गए दिल मेरा एक ही बार वो
बेखुदी मुझको शामो-सहर मिल गयी
आंधियों ने ग़मों के घिरा था मुझे
के अचानक खुशी की लहर मिल गयी
मै भटकता रहा देस परदेस में
पर वहीं दासतां दर-बदर मिल गयी
रोज जीता हूं मैं अब यहीं सोचकर
ज़िंदगी क्या मुझे इस कदर मिल गयी
- कुमार जावडेकर
जाने कैसे जहां को खबर मिल गयी
ले गए दिल मेरा एक ही बार वो
बेखुदी मुझको शामो-सहर मिल गयी
आंधियों ने ग़मों के घिरा था मुझे
के अचानक खुशी की लहर मिल गयी
मै भटकता रहा देस परदेस में
पर वहीं दासतां दर-बदर मिल गयी
रोज जीता हूं मैं अब यहीं सोचकर
ज़िंदगी क्या मुझे इस कदर मिल गयी
- कुमार जावडेकर
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